कानपुर विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए की घोटाले की तैयारी विश्वविद्यालय में रिनोवेशन के नाम पर लगाया जा रहा है रद्दी क्वालिटी का माल अधिकारियों को सब पता होने के बावजूद भी बने बैठे हैं मोन, सूत्र कह रहे हैं विश्वविद्यालय बर्बादी की कगार पर
विपिन सागर (मुख्य संपादक)
जोकि एक कंपनी द्वारा किया जा रहा है, कंपनी के द्वारा लगाया जा रहा माल कुछ और है। सूत्रों की माने तो पेपरों में कुछ और ही दर्शाया जा रहा है। जब इसकी जांच पड़ताल दा हिंदी न्यूज के रिपोर्टर ने की तो मामला कुछ और ही था। कारपेंटर द्वारा काटी जा रही लकड़ी बेहद रद्दी क्वालिटी की थी साथ ही इसी बिल्डिंग में प्रयोग होने वाली सीमेंट भी दो तरह की प्रयोग की जा रही है।
जिसका रेट भी प्रति बोरी के हिसाब से देखा जाए तो लगभग ₹100 के अंतराल में हैं। कहीं ऐसा तो नहीं विश्वविद्यालय के अधिकारी और टेंडर लेने वाली कंपनी के अधिकारी दोनों की मिलीभगत से इस करोड़ों के टेंडर में कई बड़ा घोटाला करने में तो नही लगे हैं। हालांकि विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी इस मामले से अवगत है लेकिन उसके बावजूद भी बिल्कुल मौन बने हुए हैं। विश्वविद्यालय के सुंदरीकरण के नाम पर महज पीओपी पेंटिंग की रंगाई पुताई ही की जा रही है। कोई पुख्ता कार्य नहीं, कहीं ऐसा ना हो की आने वाले 3 साल के बाद फिर करोड़ों रुपए विश्वविद्यालय की इसी बिल्डिंग में लगाया जाएगा। द हिंदी न्यूज़ बहुत जल्द एक और बड़ा खुलासा करेगा इस घोटाले पर।
भ्रष्टाचार का रोग मिलीभगत अधिकारियों पर लग चुका हैं। कुछ भी कर सकते है भ्रष्टाचार अधिकारी
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