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सीएसजेएमयू में अटल बिहारी बाजपेई की पुण्यतिथि पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन




कानपुर. पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की पुण्यतिथि पर छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में अटल जी का भारतीय लोकतंत्र के प्रति योगदान विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को दीनदयाल सभागार में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कानपुर नगर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के साथ अपने संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि हम सबको अटल जी के जीवन से प्रेरणा जरुर लेनी चाहिए। उन्होंने अटल जी के व्यक्तित्व के बारे में बताते हुए कहा कि वह प्रखर वक्ता होने के साथ साथ एक कुशल राजनेता भी थे। उनके राजनीतिक गुणों को सीखने के लिए हमें उनके राजनीतिक जीवन को समझना होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और विधान परिषद सदस्य डॉ अरुण पाठक ने अटल जी के भारतीय लोकतंत्र के प्रति योगदान पर बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र सीखना हो तो कोई अटल जी से सीखे क्योंकि लोकतंत्र  सिर्फ बोलने का काम नहीं हैं चुप रहने का भी काम हैं।
विख्यात पत्रकार एवं कवि सुरेश अवस्थी ने अटल जी के हिंदी संवर्धन में योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का प्रारंभ प्रकाश नारायण पांडे द्वारा – ‘हिंदू तन मन हिंदू जीवन रग रग हिंदू मेरा परिचय’ से किया।
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार अवस्थी ने अटल जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मतभेदता के बावजूद मन भेदता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी जी विरोधियों को भी अपने दिल में जगह देते थे। भारतीय लोकतंत्र में अटल जी के योगदान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ साथ एक महान कवि और वक्ता भी थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ सुमन शुक्ला के द्वारा किया गया। मीडिया प्रभारी डॉ विशाल शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर शोध सहायक डॉ. मनीष दिवेदी, डॉ पीएन त्रिवेदी, प्रो. रोली शर्मा, प्रो संजय स्वर्णकार , डॉ शशिकांत त्रिपाठी, डॉक्टर ओम शंकर गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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