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सीएसए में प्रकृति बंदन कार्यक्रम संपन्न


हाल के वर्षों में प्रकृति के दोहन से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया है


29 अगस्त 2021 दिन रविवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयुक्त उपक्रम में आज प्रकृति वंदन कार्यक्रम आयोजित किया गयाl

इस कार्यक्रम में क्षेत्र संघचालक वीरेंद्रजीत सिंह जी, प्रान्त प्रचारक श्रीराम जी ,प्रान्त प्रचारक अनुपम दुबे,शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक महेश त्रिवेदी ,विधायक सुरेंद्र मैथानी जी ,कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह , पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश रॉय , नमामि गंगे संयोजक अनिल सिंह रहे सुबह 10 बजे शुरू हुए प्रकृति वंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ के प्रांत प्रचारक श्री राम जी ने कहा कि पर्यावरण शब्द आजकल बहुत सुनने को मिलता है और बोला भी जाता है लेकिन सही मायने में हम इसका पालन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी जीवन पद्धति प्रकृति के अनुकूल नहीं है. हम मानते हैं कि प्रकृति हमारे उपभोग का साधन है और हमारा इसके प्रति कोई दायित्व नहीं है। इसी कारण अनेकों दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय डॉ. डी.आर सिंह जी ने कहा कि सदियों से प्रकृति की पूजा करने की हमारी परंपरा रही है। हाल के वर्षों में प्रकृति के दोहन से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज को प्रकृति व प्राणी की रक्षा के प्राचीन मूल्यों की ओर फिर से उन्मुख करना है। पर्यावरण व वनों के प्रति श्रद्धा का भाव जगाना है माननीय सांसद डॉ देवेंद्र सिंह भोले जी ने कहा कि दुनिया में अभी जो जीवन जीने का तरीका प्रचलित है, वह पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। यह तरीका प्रकृति को जीतकर मनुष्य को जीना सिखाता है। जबकि हमें प्रकृति का पोषण करना है, शोषण नहीं। पर्यावरण का संरक्षण कैसे हो, इस पर सभी को सोचना चाहिए। भारत में जीने का तरीका अलग है। पेड़ में भी प्राण हैं, यह शुरू से भारत के लोग जानते हैं। शाम में पेड़ को नहीं छुआ जाता था। अपने यहां घरों में सबका पोषण करने का भाव शुरू से रहा है। चींटी, गौ, कुत्ता व जरूरतमंद आदि को भोजन घरों में कराया जाता रहा है। क्षेत्र संचालक वीरेंद्रजीत जी द्वारा प्रकृति एवं धर्म के हिंदू अध्यात्म में दर्शन के संबंध में जानकारी प्रदान की उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें मौका दे रही है कि हम अपने रहते प्रकृति का संरक्षण संवर्धन उत्थान करें ताकि भावी पीढ़ी इस संस्कृति को अपनी आगामी पीढ़ियों तक ले जा सकेl    



इस कार्यक्रम से पूरे प्रांत के करीब 14 लाख परिवार के लोग पंजीकृत हुए और कानपुर नगर में लगभग समस्त परिवारों ने पूजन कियाl कुलपति प्रोफेसर डीआर सिंह जी ने प्रकृति बंधन का संकल्प समस्त नगरवासियों को कराया और 60 हजार वृक्षों को लगा चुके है। उनके सरंक्षण का संकल्प लिया कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण का केंद्र 501 तुलसी के पेड़ों सहित 101 पीपल का पिरामिड बना और 5 -5 पौधे के गमले 50 स्थानों पर रखे गए जिसमे 310 लोगो ने कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए पूजन किया। विश्विद्यालय के ,डीन सी. पी सचान,डॉ धर्मराज, रजिस्ट्रार डॉ एस. के. गुप्ता ड़ी. एस. डब्लू डॉ आर. पी . सिंह कार्यक्रम में उपस्तिथि रहे व प्रान्त संयोजक अमित रघुवंशी जी, संचालन समिति के प्रमुख सदस्य डॉ अंशु सिंह सेंगर,डॉ अनुपम दुबे, डॉ अमित सिंह गौर , डॉ विवेक सचान,डॉक्टर जी एल श्रीवास्तव, डॉ दुर्गेश चौहान, श्री ओमेंद्र भारत, श्री अमित पांडे एवं श्री विनोद राजपूत जी उपस्थित रहे।



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