Breaking News

कोविड-19 जैसी महामारियों से बचाव हेतु आयुर्वेद में बहुत सारे उपाय-डॉ वंदना पाठक


कानपुर-  2 अक्टूबर दिन शनिवार को नीमा उत्तर प्रदेश के महिला मंच की समन्वयक डॉ वंदना पाठक द्वारा स्वर्ण  प्राशन मुहिम के सातवें चरण का शुभारंभ छत्रपति  शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के हेल्थ साइंस विभाग में किया गया। कार्यक्रम मैं प्रोफेसर विनय कुमार पाठक कुलपति छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर मुख्य अतिथि थे डॉ वंदना पाठक जी ने बताया कि कोविड-19 जैसी महामारियों से बचाव हेतु आयुर्वेद में बहुत सारे उपाय दिए गए हैं।

 स्वर्ण प्राशन भी इसी कड़ी में एक उपाय है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण प्राशन बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है ,साथ ही यह बुद्धिवर्धक और मेधावर्धक भी है। उन्होनें बताया की इस कार्यक्रम की प्रेरणा उन्हें खुद से मिली ,एक आयुर्वेदिक फिजिशियन होने के नाते उनकी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी को निभाते हुए छोटे बच्चों में  प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए उन्होनें इस अभियान की शुरुआत की। उन्होनें बताया की स्वर्ण प्राशन का यह कैंप अपनी तरह का पहला फ्री कैंप  है जिसमें की सभी बच्चे और बड़े जो अधिक मूल्य के कारण इसका सेवन नहीं कर पाते उन्हें यह आसानी से मिल सके। डॉक्टर वंदना पाठक ने लोगों को आयुर्वेद के प्रति जागरूकता सन्देश में बताया कि आयुर्वेद में वर्णित ऋतुचर्या और दिनचर्या का जरूर पालन करें। साथ में ऐसा खाना जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है उसका सेवन नहीं करना चाहिए और ऐसे खाने और प्रदूषण की वजह से शरीर में टोक्सिन को निकालने के लिए आयुर्वेदा में  दिए गए पंचतत्व की पद्व्ति का पालन करना चाहिए । सही समय पर जागने और सोने को शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया।  उषापान के बाद प्यास लगने पर पानी पिए ,खाने खाने के पहले और बाद में पानी न पिएं। उन्होनें बाहर के खाने को शरीर के लिए असंगत बताया और सभी लोगों तक इस जानकारी को पहुँचाने को कहा जिससे की  बच्चों और उनके माता पिता में जागरूकता पैदा हो। आयुर्वेदा में सध रस को मौसम के अनुसान सेवन करने की भी सलाह दी ।  इस अभियान के अगले चरणों के बारे  में बताते हुए कहा कि तीसरी लहर की आशंका के समाप्त होने के बाद सभी बच्चों का एकत्रित किया जायेगा और बच्चों के द्वारा फीडबैक भी लिया जायेगा और साथ ही उनके माता पिता को बच्चों की मेन्टल हेल्थ ,खुशी पर ध्यान , बात और समय व्यतीत करने को कहा , टीवी एवं मोबाइल की तरंगे  जो बच्चों के दिमाग पर खराब असर डालती हैं उनसे बच्चों को दूर रखने की सलाह दी। 

भविष्य  में इस तरह के कार्यक्रम जैसे  सामान्य जागरूकता , प्रतिरोधक क्षमता  कार्यक्रम ,अलग अलग बीमारियों के कैंप लगाने की जानकारी भी दी। अपनी खास सलाह में उन्होनें लोगों से  बीमार पड़ने पर सबसे पहले आयुर्वेदा की शरण में आने को कहा। डॉ वंदना पाठक ने बताया कि स्वर्ण प्राशन 16 संस्कारों में से एक संस्कार है जो कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है उन्होंने कहा कि स्वर्ण प्राशन एक ऐसी वैक्सीन है जो ना केवल एक बल्कि विभिन्न रोगों से बच्चों की रक्षा करता है एवं अभी तक जिन बच्चों ने स्वर्ण प्राशन का सेवन किया उनको किसी भी तरह का बुखार एवं अन्य बीमारियां नहीं हुई |आज लगभग 50 बच्चों को एक-एक करके स्वर्ण प्राशन का सेवन कराया गया
हेल्थ साइंस के विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण कटियार ने बताया की यह अभियान आने वाली तीसरी कोरोना लहर में बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

No comments

Thank you