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कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति जेम्स बांड की मुश्किलें और बढ़ी। CSJM विश्वविद्यालय में AKTU से तमाम कर्मचारियों को किया भर्ती, विश्वविद्यालय में एक यादव जी भर खूब बरसाई कृपा। अजय मिश्रा की तरह यादव जी करते हैं कमीशन खोरी का काम। एसटीएफ की रडार पर

विपिन सागर (मुख्य संपादक)

कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक (जेम्स बॉन्ड) की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। जहां एक तरफ राजभवन ने चुप्पी साधी है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार और उसकी एसटीएफ फोर्स पूरी तरह से ताबड़तोड़ बैटिंग के साथ पर्दाफाश करने में लगी हुई है। हालांकि कोर्ट से कुछ घंटों का समय जरूर मिला है जेम्स बांड को लेकिन मुसीबत और बढ़ती ही जा रही है। आगरा, लखनऊ के बाद अब कानपुर विश्वविद्यालय के भी सभी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। पाठक द्वारा की गई सभी नियुक्तियों में भी एसटीएफ की नजर पैनी हो गई है। एसटीएफ की निगाह विश्वविद्यालय में खासम खास पर होगी जिसमें एक यादव जी भी एक है। इनका प्रमोशन भी ताक पर रखकर किया था जिसकी चर्चा भी जोरों पर है। विश्वविद्यालय में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को 12000 से ₹100000 तक रखा गया है। सूत्र यह भी बताते हैं। ज्यादातर लोगों को एकेटीयू से बुलाकर कानपुर विश्वविद्यालय में तैनात किया है। जिनका वेतनमान सरकारी कर्मचारियों से काफी अधिक है। जिस तरह से अजय मिश्रा सभी विश्वविद्यालयों की कमीशन को देखता था। उसी तरह कानपुर विश्वविद्यालय में तैनात यादव जी भी पूरी कमीशन का हिसाब रखते हैं। इनके साथ-साथ कई अन्य लोग हैं जो हर गलत और सही काम में जेम्स बांड के साथ जमकर दिया है। यूपी एसटीएफ ऐसे लोगों को इनाम देने के लिए ताबड़तोड़ बैटिंग करने में लगी हुई है।
अगली खबर में बताएंगे किस तरह से कानपुर विश्वविद्यालय में बनाए गए नए पद 

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