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राज्यपाल ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के नैक स्वमूल्यांकन के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया


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विश्वविद्यालय कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक उपलब्धियों को
 प्रदर्शित  करें
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नैक मानकों के अनुरूप अपने विश्वविद्यालय के मूल्यांकन को शत-प्रतिशत बनाएं
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विश्वविद्यालय  नैक मानकों के अनुरूप निरंतर सुधार करें
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विश्वविद्यालय गोद लिये गये गावों में महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करायें
                                                                              
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के समक्ष आज राजभवन में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने विश्वविद्यालय को नैक मानकों के अनुसार तैयार करने हेतु अपना स्वमूल्यांकन प्रस्तुत किया। राज्यपाल जी ने प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के पश्चात् कहा कि विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष की गतिविधियों के आकड़ों को संकलित करें। उन्होंने कहा कि प्रस्तुतीकरण इस प्रकार करें कि जो कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक उपलब्धियों को प्रदर्शित कर सके। नैक मानकों के अनुरूप अपने विश्वविद्यालय के मूल्यांकन को शत-प्रतिशत बनाने का प्रयास करें। राज्यपाल जी ने प्रस्तुतीकरण के दौरान कई ऐसे छोटे-छोटे बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराया, जहां विश्वविद्यालय अपने प्रयासों से स्तर में सुधार लाकर मूल्यांकन में वृद्धि कर सकते हैं। 
ज्ञातव्य है कि नैक द्वारा विश्वविद्यालयों के स्तर पर समग्र मूल्यांकन हेतु सात श्रेणियां निर्धारित हैं, जिन पर विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया जाता है। वर्तमान में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने अपने गत नैक मूल्यांकन में B श्रेणी प्राप्त की थी। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय को अपनी श्रेणी में सुधार कर A++ श्रेणी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
कुलाधिपति ने कहा कि पाठ्यक्रम निर्धारण के समय विद्यार्थियों के विचार को भी जानें तथा उनके स्किल को ध्यान में रखकर उद्यमिता विकास तथा वोकेशनल कोर्स जैसे विषयों को प्राथमिकता से शामिल करें तथा प्रत्येक वर्ष विषयों में आवश्यकतानुसार मूलभूत परिवर्तन भी करते रहें। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकलकर प्रयोगात्मक क्रिया-कलापों को बढ़ावा दें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को नैक मानकों के अनुरूप निरंतर सुधार करते रहने के लिए निर्देशित किया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय गोद लिये गये गावों में महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करायें तथा राज्य एवं केन्द्र सरकार की प्रदेश में संचालित कल्याणकारी योजनाओं, शुद्ध पेयजल, स्कूलों में शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थित, पौधा रोपण, गर्भवती महिलाओं का शत्-प्रतिशत अस्पताल में प्रसव कराने, कुपोषण एवं टी0बी0 मुक्त आदि कार्यक्रमों के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करें। विश्वविद्यालय बाल विवाह एवं दहेज विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिये अभियान चलायें। राज्यपाल जी ने कहा कि ‘यूनिवर्सिटी गांव के द्वार’ नाम से अभियान चलाकर आसपास के गांवों में जाये और लोगों की समस्याओं को सुनें व दूर करें, यही असली हैप्पीनेस है। उन्होंने विश्वविद्यालय की समस्त गतिविधियों को आनलाइन करने के निर्देश दिये। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय ने नैक का एक पोर्टल बनाया है, जिसमें सभी फैकल्टी अपना-अपना डाटा अपलोड करेंगे। इससे स्वमूल्यांकन में मदद मिलेगी। साथ ही ‘ज्ञान संचय’ नामक एक पोर्टल भी लांच किया गया है, जिसमें अध्यापक क्लास के दो दिन पहले ही पठन-पाठन सामग्री जैसे वीडियो, लेक्चर, पी0पी0टी0, पी0डी0एफ0 मैटर आदि अपलोड कर देते हैं, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावी ढ़ग से होता है। इसमें स्टूडेंट भी अपने वीडियो अपलोड कर सकते हैं। राज्यपाल जी ने सुझाव दिया कि अच्छे कार्य करने वाले अध्यापकों को वर्ष में एक बार सम्मानित करें।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल  महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डा0 पंकज जॉनी तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

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