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लखीमपुर की पूरी घटना की क्या है सचाई क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी साथ ही क्या हुआ समझौता


विपिन सागर (रिपोर्टर)
लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से किसानों को खदेड़ने के मामले में किसानों की मौत के बाद मामला थमने का नाम नही ले रहा 
नाराज किसानों ने गाड़ियों में आग लगा दी। एडिशनल एसी अरुण कुमार ने इस घटना में 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है। जिसके बाद राजनीति भी पूरे प्रकरण में गहरा गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा देर रात लखनऊ पहुंचीं। वे लखीमपुर खीरी जाना चाहती थीं, लेकिन उन्हें सीतापुर के हरगांव के पास ही गिरफ्तार कर लिया गया। तनाव के चलते अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की गई। कई बड़े अफसर लखीमपुर कैंप करने पहुंचे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत का काफिला शाहजहांपुर जिले में खुटार पहुंचा। यह लखीमपुर खीरी से करीब दूरी 60 किलोमीटर दूर है, लेकिन उन्हें रोक दिया गया।

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने चेताबनी देते हुए कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होगी

दोसी भले ही में क्यों न हु लेकिन कार्यवाही तय है। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर की घटना पर दुःख जताया। और कहा कि सरकार इस घटना के कारणों की तह में जाएगी और घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी। 



मंत्री ने अपने बेटे को बताया निर्दोष कहा घटना में सभी दोषियों पर हो हत्या का मुकद्दमा दर्ज

इधर, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने किसानों पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा-किसानों ने गाड़ियों को सड़क से नीचे खाई में धक्का दिया। उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई, तोड़फोड़ की। मेरा बेटा कार्यक्रम खत्म होने तक वहीं(कार्यक्रम स्थल) था, उन्होंने जिस तरह से घटनाएं की हैं अगर मेरा बेटा वहां(घटनास्थल पर) होता तो वो उसकी भी पीटकर हत्या कर देते। हमारे कार्यकर्ताओं की दु:खद मृत्यु हुई है। हमारे तीन कार्यकर्ता और ड्राइवर मारा गया है। हम इसके खिलाफ एफआईआर कराएंगे, इसमें शामिल सभी लोगों पर धारा 302 का केस लगाया जाएगा।

मंत्री के बेटा ने भी कहा में निर्दोष हूँ

इस बीच केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र ने कहा कि वे कार्यक्रम के अंत तक सुबह नौ बजे से बनवारीपुर में थे। उन पर लगे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। वे इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हैं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया और कारों में आग लगा दी। हमारे तीन-चार कार्यकर्ताओं को पीटा गया।

लखीमपुर में देखते ही देखते हालात बदल गए लगानी पड़ी धारा 144

इस बीच पूरे लखीमपुर खीरी जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने लखीमपुर दौरा कैंसिल कर दिया है, क्योंकि पुलिस ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी थी। पुलिस ने आंदोलनकारियों के लखीमपुर खीरी तक जाने से रोकने सड़क पर ट्रक खड़े कर दिए हैं। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। मीडिया को भी जाने से रोका जा रहा है।

क्या हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश

लखीमपुर खीरी में हुए बवाल के बाद प्रदेश भर के नेता पीड़ित परिजनों से मिलने निकल पड़े। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए। अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव और सतीश चंद्र मिश्रा को हाउस अरेस्ट किया। लखनऊ समेत पीलीभीत, शाहजहांपुर, बरेली, बिजनौर और सीतापुर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने लोगों से की अपील, कहा किसी के बहकावे में आने की जरूरत नही है। निष्पक्ष जांच होगी।

यह है घटना के पहले की कहानी

लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के दौरे पर राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य उन्हें रिसीव करने के लिए गए हुए थे। इसी बीच मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और किसानों के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि इसी दौरान मंत्री के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। जिसमें कई किसानों को रौंद दिया गया। इसी बीच बीजेपी नेता और किसानों के बीच झड़प होने लगी। घटना स्थल पर दो किसानों की मौत हो गई उसके बाद वहीं गुस्साए किसानों ने सांसद के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी और एक अन्य कार में आग लगा दी।

क्या रहा किसानों की मांग को लेकर

किसानों और प्रशासन के बीच हुई वार्ता।
में मृतकों के परिजनों 45-45 लाख मुआवजा।
घायलों को 10-10 लाख मुआवजा मिलेगा।
साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी।
साथ ही पूरे मामले की जांच HC के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच होगी।

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