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पत्रकार के वीडियो वायरल मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर सैकड़ों पत्रकारों ने दिया आईजी को ज्ञापन। अगर नही हुई कठोर कार्यवाही तो होगा अर्द्ध नग्न आंदोलन


विपिन सागर (मुख्य संपादक)

कानपुर- पत्रकार चन्दन जायसवाल के प्रकरण में महाराजपुर थाने की पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज सैकड़ों की संख्या में पत्रकारों ने कानपुर रेंज के आईजी प्रशांत कुमार को ज्ञापन दिया। कानपुर परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय में पत्रकार संगठन कानपुर जर्नलिस्ट क्लब, सेन्टर प्रेस क्लब, आईरा, समेत सैकड़ों की संख्या में पत्रकार जमा हुये। उन्होंने पत्रकार का नग्न वीडियो वायरल किये जाने पर आईजी से आक्रोश जताया और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पत्रकारों ने आईजी से मांग की पत्रकार चंदन जायसवाल के मामले में अबिलंब कड़ी कार्रवाई करके दोषी पाये जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये। उचित कार्रवाई न होने पर वरिष्ठ पत्रकार अरुण अग्रवाल सौरभ शुक्ला, विनय गुप्ता जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष ओम बाबू मिश्र, महामंत्री अभय त्रिपाठी, आदित्य द्विवेदी, प्रेस काउंसिल के सदस्य श्याम सिंह पवार,कुमार त्रिपाठी, चेतन गुप्ता, विपिन सागर,शैलेंद्र मिश्रा, सौरभ मिश्र, आलोक अग्रवाल, गौरव शास्वत,  आलम,शरद, सेट्रल प्रेस क्लब से आशीष, जय चौधरी और श्रमजीवी से राष्ट्रीय सचिव नीरज तिवारी, विशाल सैनी ने राजधानी लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर नग्न प्रदर्शन आंदोलन की भी बात कही। इस पर कानपुर रेंज के आईजी प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया और आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जायेगी और पत्रकारों की भावना व सम्मान को सबसे ऊपर रखा जायेगा। आईजी ने कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जायेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इसका परिणाम बहुत जल्द ही सामने आ जायेगा। 

यहां बता दे कि कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के साथ साथ सेंट्रल प्रेस क्लब व श्रमजीवी पत्रकार संघठन, व और संगठनों ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के समक्ष नग्न वीडियो वायरल किये जाने का मुद्दा जोरदारी के साथ से उठाया था। पत्रकार के साथ पुलिस की बेचा घिनोनी हरकत से डीजीपी को अवगत कराते हुए अविलंब सख्त कार्यवाही की मांग की थी। कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी और सेट्रल प्रेस क्लब के अध्यक्ष आशीष व श्रमजीवी से नीरज तिवारी ने घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा ये घटना मध्यप्रदेश की घटना की पुनरावृत्ति है, जोकि बेहद आपत्तिजनक है। सभी पत्रकारों ने मिलकर घटना में दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्यवाही की मांग की थी। डीजीपी श्री गोयल ने इस शिकायत को बड़ी ही गंभीरता से लेते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बक्शा नही जायेगा। उन्होंने तत्काल घटना की पूरे मामले की जाँच कानपुर रेंज के आईजी प्रशान्त कुमार को सौंप दी थी और जाँच में दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के आदेश भी दिए थे। वही विधायक अमिताभ बाजपेयी ने घटना पर खेद जताते हुए पत्रकारों के आंदोलन को समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि 19 अप्रैल को रात्रि में महराजपुर थाना पुलिस ने कानपुर नगर निवासी व उत्तर प्रदेश/उत्तराखण्ड में प्रसारित एक टीवी न्यूज़ चैनल के पत्रकार का आपत्तिजनक नग्न वीडियो बनाया गया, वीडियों में टीवी चौनल के पत्रकार के गले में टीवी चेनल का आई कार्ड दिख रहा है और शरीर में कपड़ों के नाम पर सिर्फ मोजे व जूते दिख रहे हैं। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी पत्रकार से नग्नावस्था में ही परिचय पूंछ रहे हैं जबकि किसी भी तरह की पूंछतांछ तो कपड़े पहनाने के बाद भी की जा सकती थी। वायरल वीडियो में महाराजपुर थाने की पुलिस मौजूद है ( मौके पर थाना महराजपुर की चौकी इंचार्ज कुलगाँव प्रद्युम्न सिंह, नाईट अफसर कृष्ण कांत, एसओ सतीश राठौर सिपाही अमोल तिवारी समेत अन्य पुलिस कर्मी मौजूद थे) यह वीडियो थाने के पुलिसकर्मियों ने ही बनाया। वीडियो बनाने के बाद पत्रकारिता जगत को बेइज्जत करने व पत्रकार को जलील करने के उद्देश्य से ही सुनियोजित तरीके से उसे अपने कारख़ासो के जरिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दिया है। उससे पत्रकार जगत में भारी आक्रोश है। 
जानकारी होने पर कानपुर जर्नलिस्ट क्लब ने महाराजपुर थाने की पुलिस की हरकत का कड़ा विरोध जताते हुए पूरे मामले को शासन स्तर पर उठाया, जिसके बाद कानपुर आउटर एसपी अजित कुमार सिन्हा ने महाराजपुर थाने के एक सिपाही को लाइन हाज़िर करने के साथ ही इस मामले की जाँच सीओ को सौंपकर तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया था। आउटर पुलिस की खानापूर्ति वाली कार्यवाही से सभी पत्रकार संगठन संतुष्ट नही हैं।

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