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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी कियान्वयन हेतु सभी पाठ्यक्रमों में भारतीय भाषाओं का विकल्प आवश्यक



भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत भारतीय भाषाओं में विधि शिक्षा विषय पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सहयोग से एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली सभागार में किया गया जिसमें इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई प्रत्येक राज्य में भारतीय भाषाओं में विधि शिक्षा की वर्तमान स्थिति क्या है तथा विधि शिक्षा भारतीय भाषाओं में और कैसे हो और उसकी क्या चुनौतियां हो। इस पर भारतवर्ष के केरल, बिहार, सिक्किम, झारखंड, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, असम, मेगालय, उत्तर प्रदेश से आमंत्रित लगभग 35 प्रतिभागियों जिसमें कुलपतियों, प्राचार्यो, अधिवक्ता तथा विद्वान आचार्यों द्वारा गहन मंथन किया गया। इस कार्यशाला में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की ओर से इस कार्यशाला में प्रोo राजेश कुमार द्विवेदी, निदेशक महाविद्यालय विकास परिषद तथा डॉ पंकज द्विवेदी एसोसिएट प्रोफेसर विधि संकाय को भी आमंत्रित किया गया। बैठक में अध्यक्ष पदमश्री चम्मू कृष्ण शास्त्री, श्री अतुल कोठरी, न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी तथा श्री बुद्धि चंद्रशेखर आदि मौजूद रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि निकट भविष्य में प्रत्येक प्रदेश में अवेयरनेस कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा तथा सभी प्रतिभागियों का आव्हान किया गया कि वे एक पुस्तक विद्यार्थियों हेतु प्रांतीय भाषा में लिखेंगे या अनुवाद करेंगे।



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