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एक ही दिन में अदानी ग्रुप के शेयर हुए धड़ाम

विपिन सागर (मुख्य संपादक)

अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स पर इन दिनों भारी संकट आया हुआ है. इसकी वजह अमेरिका की एक रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट है. अगर रिपोर्ट में लगाए गए आरोप सही मिलते हैं, तो अडानी ग्रुप को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी.


हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के संबंध में MSCI ने अडानी ग्रुप के शेयर्स को लेकर फीडबैक मांगा है.
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Adani Group Hindenburg Report Crisis: अडानी समूह इन दिनों संकट में घिरा हुआ है. अमेरिका की फाइनेंस रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट ने शेयर बाजार में खलबली मचाई हुई है और इससे कंपनी की लिस्टेड कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. रिसर्च कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अपनी कंपनियों के शेयर की कीमत गलत तरीके से बढ़ाए जाने और गड़बड़ी करने के आरोप लगाए हैं. अगर कंपनी पर लगे ये आरोप सही साबित होते हैं, तो इसकी एक बड़ी कीमत समूह को चुकानी होगी.


दरअसल इंडेक्स सर्विस प्रोवाइडर MSCI ने शनिवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के संबंध में उसने अडानी ग्रुप के शेयर्स को लेकर फीडबैक मांगा है. अडानी समूह और उसकी कंपनियों के कामकाजी तौर-तरीकों को लेकर आई इस रिपोर्ट की जानकारी उसे है और वह इस बारे में सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध सूचनाओं पर करीबी नजर रखे हुए है.

अडानी ग्रुप को चुकानी होगी ये कीमत
MSCI एक ग्लोबल इंडेक्स सर्विस प्रोवाइडर है. उसका कहना है कि अगर अडानी समूह पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो MSCI Global Investable Market Indexes पर समूह की कंपनियों का वेटेज कम हो सकता है. या उन्हें इससे बाहर भी किया जा सकता है. एमएससीआई उन सभी कारकों पर पूरी नजर बनाए हुए है जो अडानी समूह के प्रासंगिक शेयर्स की योग्यता पर प्रभाव डालेंगे.

MSCI का कहना है कि वह इस मामले में बाजार प्रतिभागियों के फीडबैक का स्वागत करती है. इसे एक तय समय में हासिल कर लिया जाएगा. मौजूदा समय में अडानी ग्रुप से जुड़ी 8 कंपनियां एमएससीआई स्टैंडर्ड इंडेक्स का हिस्सा हैं.

बढ़ सकती है अडानी के शेयर्स में बिकवाली
अगर MSCI अडानी ग्रुप के शेयर्स को लेकर इस तरह का कोई कदम उठाता है, तो समूह की कंपनियों के शेयरों में बिकवाली और तेज हो सकती है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से दो कारोबारी दिनों में ही अडानी समूह के बाजार पूंजीकरण में 4.17 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ चुकी है.

हालांकि जानकारों को लगता है कि अडानी समूह के बारे में बाजार प्रतिभागियों से फीडबैक आने और उसकी समीक्षा की प्रक्रिया पूरी न होने तक एमएससीआई ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगी.

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का तहलका
अमेरिका की ‘एक्टिविस्ट’ निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह की कंपनियों ने शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए गलत तरीके अपनाए हैं. इसके अलावा समूह की कंपनियों पर अकाउंटिंग में फ्रॉड करने के भी आरोप रिपोर्ट में लगाए गए हैं. यह रिपोर्ट अडानी समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) आने के ऐन पहले आई है. इसने शेयर बाजार में तहलका मचाया हुआ है. अडानी ग्रुप की कंपनी का एफपीओ के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है.

हालांकि अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है. उसका कहना है कि इसे गलत इरादे से उसके एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के मकसद से जारी किया गया है. इसके साथ ही वह कानूनी विकल्प आजमाने पर भी विचार कर रही है.

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