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सीएसए में स्वास्थ्य एवं सुख में योग की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन


विपिन सागर (मुख्य संपादक)

कानपुर/चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा स्वास्थ्य एवं सुख में योग की भूमिका विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा की गई। कुलपति द्वारा अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया कि देश में हरित क्रांति के आगमन के समय बीज पर विशेष ध्यान दिया गया। उत्तम श्रेणी के बीजों का उत्पादन कर किसानों को मुफ्त में बीज दिए जाने का विशेष प्रयास किया गया। ठीक इसी प्रकार ही हमको सफलता करने के लिए केंद्रित दृष्टिकोण (फॉक्स अप्रोच) की आवश्यकता है जिसको योग एवं साधना के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। कुलपति द्वारा योग को जीवन में अपनाने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने बताया कि यह एक अद्भुत एवं अकल्पनीय है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित कोई अंतरराष्ट्रीय दिवस मात्र 8 वर्ष की अवधि में वैश्विक आंदोलन बन जाए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित होते देखना भारत के लिए एक बड़े गर्व की बात है। योग वस्तुतः शरीर का आत्मा में तथा आत्मा का परमात्मा में एक लय एकाकार हो जाना है। उनके द्वारा उनके द्वारा आह्वान किया गया कि प्लास्टिक का प्रयोग तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए तथा अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। इसके साथ-साथ उन्होंने प्रति इकाई क्षेत्रफल पर किसानों की आय बढ़ाने के लिए बागवानी को अपनाने की भी सलाह दी। 


कार्यक्रम में कार्यक्रम में शिक्षाविद, प्रेरक एवं गहन ध्यान विशेषज्ञ श्री रूद्रयोगी द्वारा बताया कि योग में विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान है। योग शरीर में औषधीय शक्ति जागृत करता है। योग को लेकर अब वैज्ञानिक दृष्टि स्थापित हो चुकी है। योग मात्र शारीरिक व्यायाम नहीं अपितु एक संपूर्ण चिकित्सा विज्ञान है, जीवन दर्शन है, संपूर्ण आध्यात्मिक विधा है। योग एक गंभीर दार्शनिक चिंतन भी है तथा एक सहज सरल संतुलित जीवन शैली भी।
इस अवसर पर मुख्य सलाहकार प्राकृतिक चिकित्सालय एवं योग केंद्र आईआईटी कानपुर डॉ0 एस0 एल0 यादव द्वारा बताया गया कि समाधि भगवान के समतुल्य हो जाना है। उन्होंने योग एवं आसन को एक प्रशिक्षित योगाचार्य के मार्गदर्शन में ही किया जाने की सलाह दी।  उन्होंने बताया कि मुख्यतः 32 आसन है तथा शास्त्रों के अनुसार 32 आसन के द्वारा ही हम लोग आगे बढ़  सकते हैं। योगाचार्य श्री राहुल यदुवंशी द्वारा कहां गया कि योग से के माध्यम से ही जीवन में सुख प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्राणायाम से प्राण ऊर्जा जागृत होती है इसलिए योग की ओर अग्रसर होना ही वर्तमान समय की मांग है। योग विशेषज्ञ डॉ0 सोनाली धनवानी ने बताया कि योग से बुद्धि को पर्वत से दृढ़ तथा समुद्र से भी गंभीर बनाया जा सकता है। योग में विभिन्न योगिक क्रियाओं के द्वारा रक्त, प्राण, नाडी ग्रंथि आदि का शोधन किया जाता है तथा योगाभ्यास से हमारे शरीर में उचित मात्रा में हारमोंस का स्राव होता है। कार्यक्रम में के के आयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ0 रामप्यारे द्वारा अपने स्वागत संबोधन में कहा गया कि योग असीम आनंद की प्राप्ति का साधन है तथा शरीर का वात, पित्त एवं कफ समअवस्थाओ में आ जाता है, मन शांत हो जाता है तथा भीतर से गहरा संतोष मिलता है। कार्यक्रम में कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ0 पी0के0 उपाध्याय, अधिष्ठाता कृषि डॉ0 सी0 एल0 मौर्य, निदेशक कृषि प्रयोग केंद्र डॉ0 पी0के0 सिंह, निदेशक निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ0 विजय यादव, प्रभारी सब्जी विभाग डॉ0 आर0बी0 सिंह, प्राध्यापक डॉ0 कौशल कुमार द्वारा भी विचार व्यक्त किए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 राजीव, सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण तथा डॉ0 श्वेता सहअधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा की गई। कार्यक्रम में संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, संभ्रांत नागरिकों के साथ-साथ लगभग 650 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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