राजभवन पहुंचा पत्र लिखा इस विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव पर तत्काल की जाए कार्यवाही।
विपिन सागर (मुख्य संपादक)
राजभवन को लिखे पत्र में कहा गया कि विवि के कुलपति और कुलसचिव ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करते हुए एक मामले में समय रहते शपथ पत्र दाखिल नहीं किया, जिससे हाईकोर्ट के सामने विभाग का पक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति डाॅ. दिनेश चंद्र शास्त्री और कुलसचिव गिरीश अवस्थी का शासन ने न सिर्फ वेतन रोक दिया है, बल्कि उनके खिलाफ क्षतिपूर्ति की भी कार्रवाई होगी।
संस्कृत शिक्षा सचिव चंद्रेश कुमार ने इस संबंध में सचिव राज्यपाल को पत्र लिखा है। राजभवन को लिखे पत्र में कहा गया कि विवि के कुलपति और कुलसचिव ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करते हुए एक मामले में समय रहते शपथ पत्र दाखिल नहीं किया, जिससे हाईकोर्ट के सामने विभाग का पक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
यदि विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव समय पर विभाग का मजबूत पक्ष रखते तो इस प्रकरण में राज्य सरकार को अतिरिक्त वित्तीय व्ययभार नहीं पड़ता। कुलपति ने मामले में राज्य सरकार की ओर से प्रभावी पैरवी के लिए सहयोग नहीं किया। उन्होंने कार्य के प्रति उदासीनता बरते जाने के साथ ही घोर लापरवाही की है।
लिखा, आदेशों की अनदेखी के लिए कुलपति और संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा राज्य सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त व्यय भार के लिए संबंधित का दायित्व तय करते हुए क्षतिपूर्ति की कार्रवाई की जाए।
ये है प्रकरण
सचिव संस्कृत शिक्षा चंद्रेश कुमार के मुताबिक, हाईकोर्ट में मोहन चंद्र बलोदी बनाम उत्तराखंड राज्य मामले में कुलपति और कुलसचिव ने समय पर प्रति शपथपत्र दाखिल नहीं किया, जिससे सरकार के खिलाफ आदेश हो गया।
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