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मंत्री के बेटे पर कार्रवाई की मांग को लेकर सिद्धू बैठे भूख हड़ताल पर

 
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुए हिंसात्मक बवाल को लेकर तमाम विपक्षी दलों के नेता लगातार पीड़ितों के परिवार से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी शुक्रवार की शाम लखीमपुर खीरी पहुंचे और मृतक किसान लवप्रीत और पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों से मुलाकात की।इस दौरान सिद्धू ने फिर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मोदी मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी की मांग की।

 सिद्धू ने गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पर कार्रवाई की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।हिंसात्मक बवाल में किसानों की मौत के दौरान बवाल में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों से मुलाक़ात करने के बाद सिद्धू ने भूख हड़ताल और मौन व्रत की घोषणा की। 

इससे पहले पंजाब से लखीमपुर खीरी पहुंचे सिद्धू बवाल में मारे गए युवा किसान लवप्रीत सिंह के घर पहुंचे और वहां से मृतक पत्रकार रमन कश्यप के घर पहुंचे,जहां सिद्धू मौन धारण कर लेट गए। सिद्धू के साथ पंजाब सरकार में मंत्री बिजेंदर सिंगला ने कहा कि जब तक गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पुलिस के सामने पेश नहीं होते हैं तब तक सिद्धू का अनशन खत्म नहीं होगा।

सिंगला ने लखीमपुर खीरी हिंसात्मक बवाल को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर निशाना साधते हुए कहा कि वीडियो है,एफआईआर में नाम है,चश्मदीद गवाह कह रहा है कि मैंने देखा,एफआईआर में उसका पूरा उल्लेख है तो फिर गिरफ़्तारी इसलिए नही हो रही है कि मंत्री जी के बेटे हैं।

शुक्रवार को सिद्धू ने 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह के परिजनों को सांत्वना देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बहुत हुआ,आज अगर आप किसान आंदोलन को देखेंगे तो सिस्टम से विश्वास उठ गया है।किसान भाइयों का भी विश्‍वास उठ गया है। मैंने तब भी मांग की थी क्योंकि एफआईआर में नाम है और चश्मदीद गवाह है, मंत्री जी के बेटे को जांच का सामना करना चाहिए नहीं तो गिरफ्तार होना चाहिए। पुलिस अगर चाहे तो बाल की खाल निकाल सकती है।

सिद्धू ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्यों नजर अंदाज हो रहा है, यह समझ में नहीं आ रहा है,नैतिक बल खोते जा रहे हैं, किरदार लुप्त होते जा रहे हैं,सवाल विश्वास का है। 

सिद्धू ने मानवीय संवेदना की चर्चा करते हुए कहा कि मैं आ रहा था तो सड़क पर एक बछड़ा आ गया, दो बार ब्रेक लगी, हाय तौबा हो गई और वह बच गया, लेकिन गाड़ी से रौंदते हुए चले जाना यह कहां की इंसानियत है, यह कोई हैवान ही कर सकता है।

 सिद्धू ने कहा कि प्रियंका जी और राहुल जी से प्रेरित होकर मैं यहां आया हूं और जो देखा है, जो सुना है वह दिल दहलाने वाला है। एक जघन्य अपराध की गाथा है, पूरा हिंदुस्तान आज न्याय की गुहार लगा रहा है।

सिद्धू ने लखीमपुर खीरी हिंसात्मक बवाल को भाजपा सरकार के माथे पर कलंक करार देते हुए कहा कि मेरा सियासी जीवन 17 साल का हो गया और मेरे लिए संविधान से बड़ा कुछ भी नहीं है। संविधान के जज्‍बे को, जम्हूरियत को, इंसाफ को कत्ल करने का एक प्रयास है। इंसाफ दोहरा मापदंड नहीं अपना सकता है।

सिद्धू ने मारे गए किसानों के परिजनों को सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मानवीय जीवन का कोई पैसों से मूल्य नहीं लगा सकता, इसकी भरपाई नहीं हो सकती है।

आपको बता दें कि पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुए हिंसात्मक में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।आरोप है कि किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर कुचल दिया गया था।इस मामले में दर्ज एफआईआर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष का नाम भी है।आशीष को शुक्रवार को पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया था लेकिन अभी तक पेश नही हुए हैं।

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