कुलपतियों की जेल जाने की लगी होड़ यहां के दो कुलपति (VC) हुए गिरफ्तार भेजे गए जेल। धांधली के मामलों में कर दी थी हद चढ़े पुलिस के हाथ।
विपिन सागर (मुख्य संपादक)
इस समय देशभर में कुलपतियों की धांधली चरम सीमा पर है। जिसके ऊपर जांच बैठती है, उसकी तैयारी जेल जाने की हो जाती है। कुछ दिन पहले ही राजस्थान की एक विश्वविद्यालय के कुलपति को 5 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में रगें हाथ पकड़ा है, और अब ये दो वीसी जिनको सीधे जेल का रास्ता मिला।
मामला छात्रों को पैसे के बदले डिग्री देने के आरोप में हैदराबाद पुलिस ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन विश्वविद्यालय (SRK), भोपाल के एक वर्तमान और सेवानिवृत्त कुलपति (VC) को गिरफ्तार किया है। डॉ. एम प्रशांत पिल्लई, वर्तमान वीसी और डॉ एसएस कुशवाह, एसआरके विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त वीसी/अध्यक्ष, को मंगलवार को भोपाल से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में एक सहायक प्रोफेसर केतन सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, एक अन्य वीसी डॉ० सुनील कपूर को अग्रिम जमानत दे दी गई. हैदराबाद पुलिस द्वारा जांच फरवरी 2022 में शुरू हुई जब फर्जी डिग्री रैकेट के संबंध में शैक्षिक सलाहकारों और एसआरके विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रबंधन के एजेंटों के खिलाफ मलकपेट, आसिफ नगर मुशीराबाद और चादरघाट पुलिस स्टेशनों में 4 मामले दर्ज किए गए। आरोप है कि वे बिना किसी परीक्षा या उपस्थिति के और पैसा लेकर छात्रों को फेक डिग्री दे रहे थे।
साल 2017 से बांटी गई सैकड़ों डिग्रियां
पुलिस सूत्रों ने जानकारी दी कि साल 2017 से SRK यूनिवर्सिटी ने लगभग 101 फेक सर्टिफिकेट्स स्टूडेंट्स को पैसे के बदले दिए हैं। इसमें से पुलिस ने 44 सर्टिफिकेट्स को सीज कर दिया है। इनमें से 13 सर्टिफिकेट बीटेक और बीई कोर्सेज के हैं, जबकि बाकी 31 सर्टिफिकेट्स एमबीए, बीएससी आदि के हैं।
इस मामले में हैदराबाद के विभिन्न एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स के सात एजेंट्स को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम- श्रीकांत रेड्डी, श्रीनाथ रेड्डी, पटवारी शशिधर, पीकेवी स्वामी, गुंटी महेश्वर राव, आसिफ अली, रविकांत रेड्डी और रंगाराजू हैं. इसके अलावा, 19 छात्रों को गिरफ्तार किया गया और छह छात्रों के माता-पिता को अग्रिम जमानत मिली थी. इस बीच, छह अन्य छात्रों के माता पिता को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस मिला है. वहीं, पुलिस एसआरके यूनिवर्सिटी के बाकी बचे आरोपियों और पैसे देकर सर्टिफिकेट हासिल करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।
आखिर किस सिस्टम से नियुक्तियां हो रही है कुलपतियों की
इस समय कुलपतियों का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। जिसकी जांच होती है, उसी पर कार्यवाही हो जाती है। सूत्र यह भी बताते हैं जिन कुलपतियों का सिस्टम ऊपर तक टाइट होता है, उन पर जल्दी किसी तरह की जांच बैठाई नहीं जाती इसकी पुष्टि दा हिंदी न्यूज़ नहीं कर रहा है, यह सूत्र के हवाले से, सूत्र यह भी बताते हैं अगर उत्तर प्रदेश के कई विषयों की जांच हो तो बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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