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आने वाला दौर डाटा साइंस और मशीन लर्निंग का रहेगा- प्रो पाठक - स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज में पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ

कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के गणित विभाग में शुक्रवार को डेटा साइंस और मशीन लर्निंग पर पांच दिवसीय कार्यशाला एन.डब्ल्यू.डी.एस.एम.एल-2022 का शुभारंभ हुआ। 
15 जुलाई से लेकर 19 जुलाई तक चलने वाली इस कार्यशाला में डेटा साइंस और मशीन लर्निंग विषय के बारे में छात्र-छात्राओं को जानकारी दी जाएगी। ऑनलाइन प्रारूप में हो रही इस कार्यशाला में देश भर के आईआईटी, एनआईटी और नामी गिरामी तकनीकी संस्थानों के 500 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। 
कार्यशाला के  उदघाटन सत्र में कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि कंप्यूटर सिमुलेशन के साथ गणित भविष्य में छात्रों के लिए बेहद कारगार और उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डाटा सांइस और मशीन लर्निंग का युग होगा। पूरे विश्व के साथ-साथ भारत  में भी आर्टफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग में रोजगार के ढेरों अवसर होंगे। अपने सम्बोधन में  उन्होने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम भविष्य में भी इस तरह कि ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन करते रहें जिससे कि वि.वि और उससे सम्बद्ध कॉलेजों के छात्रों को कुछ नया, बेहतर और रोजगारपरक चीजों को सीखने का मौका मिल सके। 
स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के निदेशक डॉ. आर.के द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में सभी छात्रों के लिए इस पांच दिवसीय कार्यशाला को उपयोगी बताया। उन्होनें डेटा साइंस और मशीन लर्निंग के उपयोग और महत्ता से जुड़ी जानकारी भी छात्रों को दी।
यू.आई.ई.टी की निदेशक प्रो ब्रृष्टि मित्रा ने सभी प्रतिभागियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के माध्यम से डेटा सांइस और उससे संबधित तकनीकों को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया। एम.एन.एन.आई.टी इलाहाबाद  से डॉ. शाश्वती बनर्जी ने कंप्यूटर दृष्टि में कृत्रिम न्यूरॉन नेटवर्क पर व्याखयान दिया। इसके साथ ही डॉ. रजिता बी ने कंप्यूटर दृष्टि में कृत्रिम बुद्धि की भूमिका पर व्याख्यान दिया है। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता गणित विभाग के समन्वयक डॉ डी.के सिंह ने की। इस अवसर पर स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज की उप निदेशक डॉ अंजू दीक्षित, संयोजक डॉ. नमिता तिवारी और सभी प्रतिभागी मौजूद रहे।

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