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इस विश्वविद्यालय के कुलपति ने कर दिया कमाल छात्रों को अपने विषय की पढ़ाई के साथ साथ यूपीएससी की पढ़ाई के लिए भी दे रहे हैं पूरा मौका। विश्वविद्यालय में यह संस्थान खुला रहता है 24 घंटे।


विपिन सागर (मुख्य संपादक)
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर मैं, (CSAUK) पढ़ने वाले छात्रों की समस्याओं को सुनने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने का निर्णय लिया था। जिसके साथ ही कुलपति द्वारा यह देखा जा रहा था कि रात्रि में खुलने वाली लाइब्रेरी में छात्र रूचि रखेंगे या नहीं। यही देखते देखते लगभग 2 से 3 माह बीत गए जहां इस विश्वविद्यालय में छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर मेहनत से लगे हुए हैं। साथ ही रात्रि में पढ़ने वाले छात्र अपने कोर्स की पढ़ाई के साथ साथ यूपीएससी की पढ़ाई भी खूब जमकर कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी इंचार्ज डॉक्टर सीमा सोनकर व केटलोकर इमरान की माने तो पहले इन छात्रों की संख्या 10 से 15 थी लेकिन धीरे-धीरे संख्या सैकड़ों में पहुंच रही है।
 रात्रि में पढ़ने वालों की रुचि अत्याधिक है छात्रों का कहना है विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डीआर सिंह ने जो इस विश्वविद्यालय के लिए किया है, वह सभी छात्रों के भविष्य के लिए एक अच्छा कार्य है। हम सभी छात्र दिन में अपनी कक्षा में पढ़ कर पूरा दिन बिता देते हैं। और रात में पढ़ने की इतनी सुविधा नहीं हो पाती थी। ना ही इतनी किताबें हमारे पास रहती थी जिससे हम रात को अपनी पढ़ाई कर पाते। लेकिन विश्वविद्यालय की इस बेहतरीन सुविधा के साथ अब हम अपनी पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की भी तैयारी कर रहे हैं।

क्या बोले विश्वविद्यालय के कुलपति

छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को 24 घंटे खोलने का निर्णय लिया था। जो अब कहीं ना कहीं कारगर साबित हो रही है। छात्र दिन रात मेहनत कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य था  छात्र ग्रुप में रह कर अपनी पढ़ाई पूरी नही कर पा रहे थे। कुछ छात्र पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन रात में ऐसी शांति वाली जगह और सुविधा नही मिलती। इसी लिए विश्वविद्यालय की तरफ से एक अच्छा निर्णय लिया गया है। कि की विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी को 24 घंटे खोला जाएगा ताकि छात्र रात में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।


औचक निरीक्षण करने पर पाया यह

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने अचानक एक रात निरीक्षण किया तो पाया कुछ छात्र अपनी पढ़ाई से संबंधित किताबों को पढ़ रहे थे, तो वहीं उनसे अधिक मात्रा में छात्र यूपीएससी की पढ़ाई में मगन थे कुलपति का कहना है। अगर ऐसे ही छात्र रुचि दिखाएंगे तो हमारे प्रदेश में आईएएस आईपीएस की बढ़ोतरी होगी साथ ही विश्वविद्यालय से अच्छे साइंटिस्ट भी निकलेंगे।

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