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क्या यूपी में एक ही जाति के प्रोफेशरों को कुलपति बनने का अधिकार। ये कैसी ईमानदार सरकार राजभवन से भी खूब मिल रही है सौगात।


विपिन सागर (मुख्य संपादक) 

उत्तर प्रदेश/लखनऊ में बैठी सरकार भले ही लाख दावे कर रही हो कि पूर्ण रूप से ईमानदारी और मेहनत से काम किया जा रहा है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। शिक्षा विभाग में केवल एक ही जाति के कुलपतियों को बनने का जिम्मा लिया गया है। या फिर और योग्य प्रोफेसर नही हैं। राजभवन जानबूझकर एक ही जाति के कुलपतियों की नियुक्तियां कर तानाशाही वाला फरमान जारी कर चुका है और डिंडोरा ईमानदारी का बजाया जा रहा है।
हम बात कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश के कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की जहां पर सभी विश्वविद्यालय में केवल एक समाज के कुलपतियों को नियुक्त कर राजभवन ने स्पष्ट कर दिया है, कि सरकार एक ही समाज की है। कहने में जरूर ठीक लगता है की बखूबी और ईमानदारी से भाजपा की सरकार चल रही है, लेकिन ईमानदारी का यह नमूना भी हर विश्वविद्यालय में बैठा दिया गया है।
1 - नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी फैजाबाद मैं डॉक्टर विजेंद्र सिंह को कुलपति के रूप में दोबारा फिर मौका दिया गया है। जबकि आवेदन करता और भी थे लेकिन विशेष जाति को राजभवन ने पूरा मौका फिर दे दिया है।

2- सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी मेरठ के कुलपति डॉक्टर के के सिंह को बनाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजभवन ने खुश कर दिया। इतना ही नहीं 
3- चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति को भी एक ही जाति की बड़ोती करते हुए डॉक्टर आनंद कुमार सिंह की नियुक्ति कर दी। राजभवन मैं बैठी राज्यपाल महोदया को पैनल में गए सभी नाम बेकार और बेईमान दिखाई देते हैं। लेकिन विशेष जाति के प्रोफेसरों को आमंत्रित करके उन्हें कुलपति की सौगात दी जाती है। 

4- बांदा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी मैं भी डॉक्टर नरेंद्र प्रताप सिंह को पद पर बैठा रखा है। सौभाग्य ऐसा ही नहीं रहा 

5- रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी एकमात्र विश्वविद्यालय कृषि का है। उसमें भी बखूबी केंद्र और राज्य सरकार ने ईमानदारी दिखाते हुए डॉक्टर ए के सिंह की नियुक्ति कर दी क्या राजभवन और योगी सरकार में ठाकुर समाज के कुलपति ही कुर्सी संभालने नहीं योग्य हैं। या फिर दलित ओबीसी और श्रवण जाति में अन्य किसी जाति के कुलपति का नाम कृषि विश्वविद्यालय में नहीं हो सका। 

इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ की बिना जातिवाद वाली सरकार ने राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान मैं, भी निदेशक के पद पर विवेक कुमार सिंह को नियुक्त कर रखा है। विपक्ष पर बात करने वाली भाजपा सरकार क्या वास्तविकता में जातिवाद फैलाने में माहिर होती जा रही है।

कुछ बड़ी खबरों के साथ जल्द होगे आपके साथ पढ़ते रहिए दा हिंदी न्यूज़।

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