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शर्मनाक- पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद मुख्यमंत्री की कर्मभूमि गोरखपुर के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने दी एफआईआर न लिखने की हिदायत

ब्यूरो रिपोर्ट 
कानपुर / गोरखपुर डेक्स यूपी

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि में कानपुर के व्यापारी की पुलिस के द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देना एक बेहद शर्मनाक है। इसे लाचार सरकार कहें या फिर पुलिस की तानाशाही, कानपुर में जहां एक और मृतक मनीष की पत्नी सीएम योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की मांग कर रही है। वही योगी सरकार के नुमाइंदों द्वारा मनीष के परिजनों को मुकदमा ना लिखवाने की सलाह देते एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे साफ दिखाई और सुनाई भी दे रहा है। इन अधिकारियों का तो न्यायपालिका से ही विश्ववास उठ गया है और मृतक के परिजनों को कोर्ट न जाने की बात कर रहे हैं आखिर क्यों।


यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को कानपुर आ रहे हैं ऐसे में देखना है इस मामले को संज्ञान मैं लेते हुए दोषियों पर क्या कार्रवाई करते हैं साथ ही जिले के जिलाधिकारी और कप्तान को न्यायपालिका पर सबाल उठाने वाले वायरल वीडियो पर क्या कार्यवाही करेंगे। हालाकि सूबे के मुखिया बृहस्पतिवार को मृतक के परिजनों से मिलेंगे।



कानपुर के व्यवसाई मनीष गुप्ता के मर्डर केस को लेकर उनकी पत्नी और उनके परिवार जनों को मेडिकल कॉलेज पुलिस चौकी पर बंद कमरे में FIR दर्ज न करने की सलाह देते गोरखपुर के DM एवं SSP साहब साफ नजर आ रहे है।

क्या था मामला:-

कानपुर साउथ के बर्रा क्षेत्र में रहने वाले मनीष गुप्ता पेशे से प्रॉपर्टी व्यापारी है मनीष अपने दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ गोरखपुर घूमने गए थे जहां पर वह होटल कृष्णा पैलेस में रुके थे। मनीष रात में सो रहा था तभी रात तक़रीबन 12:15 बजे पुलिस मनीष के कमरे में चेकिंग के लिये आ पहुची । चेकिंग के दौरान मनीष के दोस्तो ने सभी को अपने एड्रेस प्रूफ दिखा दिए लेकिन नशे में धुत्त पुलिस कर्मी गालियां बकने लगे तभी मनीष की नींद खुल गई और उसने पुलिस वालों से सिर्फ इतना कह दिया कि *"हम लोग कोई आतंकवादी नही है"* सिर्फ इतना सुनते ही पुलिस कर्मी मनीष के ऊपर टूट पड़े और कमरे से मारते पीटते घसीटते होटल के बाहर ले आये। जिसके बाद मनीष मरणाशनन हो गया जिस पर आरोपी पुलिस वाले उसे अपनी गाड़ी में डाल कर ले गए। जिसके बाद परिजनों को मनीष की मौत की सूचना आई जिसके बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। ऐसे समय मे जिले के सबसे बड़े अधिकारी ही मुकद्दमा न दर्ज करने की बात कर रहे हैं।

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