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बेहद शर्मनाक:- इतने बड़े कांड के बाद अधिकारियों ने लिया संज्ञान, इंस्पेक्टर सहित पूरे थाने को किया सस्पेंड मुकदमा लिख भेज जाएंगे सभी पुलिसकर्मी जेल


विपिन सागर (मुख्य संपादक)

ललितपुर दुष्कर्म कांड में थानेदार निलंबित, थाने के समस्त पुलिसकर्मी लाइन हाजिर डीआईजी को सौंपी जांच एडीजी ज़ोन ने की कार्यवाही
झांसी। थानापाली, ललितपुर की दुष्कर्म की घटना के संबंध में थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया और पूरे थाने के पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया दोषी पुलिसकर्मियों के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जा रही है। पूरे प्रकरण की जांच डीआईजी झांसी जोगेंद्र सिंह को दी गई जोकि 24 घंटे के अंतराल में अपनी रिपोर्ट एडीजी ज़ोन को सौपेंगे। थाना प्रभारी के विरुद्ध दर्ज की गई रिपोर्ट।

क्या है पूरा मामला

ललितपुर। उत्तर प्रदेश के ललितपुर में शर्मनाक घटना ने सबको झकझोर दिया। यहां रक्षक ही भक्षक बन गए। शिकायत दर्ज कराने आई नाबालिक गैंगरेप पीड़िता से थानाध्यक्ष ने ही हैवानियत कर डाली। पीड़िता की मां ने दरोगा समेत छह पर मुकदमा द र्ज करवाया है। घटना के बाद से दरोगा मौके से फरार है। घटना की जानकारी होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आरोपी दरोगा को निलंबित कर गिरफ्तारी के आदेश दे दिये गये हैं। वहीं अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

ललितपुर पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने बताया कि एक किशोरी ने आफिस आकर बताया कि उसे चार नामजद आरोपित फुसलाकर भगा ले गए थे और उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया। जब वह थाने पहुंची तो थानाध्यक्ष ने भी दुष्कर्म किया। नाबालिग के आरोपों को गंभीरता से लेकर थाना पाली पहुंचकर एसपी ने घटना की जानकारी ली। इसके बाद बाल कल्याण अधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी मड़ावरा केशव नाथ ने 181 हेल्पलाइन यूनिट में पीड़िता के बयान लिए, जहां पीड़ित किशोरी अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी। एसपी ने तत्काल प्रभाव से पाली के प्रभारी निरीक्षक तिलकधारी सरोज को लाइन हाजिर कर दिया और छह नामजद आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा। इसमें पाली थाना प्रभारी भी शामिल है। लाइन हाजिर होने के बाद आरोपित प्रभारी निरीक्षक ने पुलिस लाइन में आमद दर्ज नहीं कराई। इस पर पुलिस अधीक्षक ने उसे निलंबित कर फरार घोषित कर दिया है।

पीड़िता की मां की तहरीर पर दर्ज हुआ केस 

पीड़िता की मां की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया है कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री को चंदन, राजभान, हरिशंकर एवं महेंद्र चौरसिया 22 अप्रैल को फुसलाकर भोपाल भगा ले गए थे। यहां तीन दिन तक उसे स्टेशन के पास गलियों में छिपाकर रखा। इस दौरान उसके साथ लगातार दुष्कर्म करते रहे। 26 अप्रैल को यह चारों लड़के उसकी बेटी को थाने में दारोगा के पास छोड़कर भाग गए। दारोगा ने उसे उसकी मौसी गुलाब बाई को सौंप दिया।

दारोगा के कमरे में पहुंचे ही सुरु कर दी हैवानियत

27 अप्रैल को सुबह बेटी को फिर थाने में बुलाया गया। आरोप है कि जैसे ही शाम हुई, उसकी मौसी ने उसको थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज के कमरे में भेज दिया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। 30 अप्रैल को वह पुनः थाने आई तो उसे चाइल्ड लाइन के सिपुर्द कर दिया गया। चाइल्ड लाइन में काउंसिलिंग की गई तो उसने यह सारी घटना बताई।

पाक्सो एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज

महिला की तहरीर के आधार पर चंदन, राजभान, हरिशंकर, महेंद्र चौरसिया के साथ गुलाब बाई एवं प्रभारी निरीक्षक तिलकधारी सरोज के खिलाफ पाक्सो एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस पंजीकृत कर लिया गया और पीड़िता के चिकित्सीय परीक्षण की कार्रवाई शुरू कर दी है।

डीआइजी पहुंचे पाली गांव लिया घटना का संज्ञान

थाना पाली प्रभारी निरीक्षक पर दुष्कर्म का केस पंजीकृत किए जाने के बाद झांसी परिक्षेत्र के डीआइजी जोगेंद्र सिंह मंगलवार शाम पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक के साथ थाना पाली पहुंचे। यहां उन्होंने विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों के घटनाक्रम से जुड़े बिंदुओं के बारे में जानकारी ली और मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

पूर्व सीएम ने घटना पर जताया दुख

घटना को संज्ञान में लेकर पूर्व सीएम और सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना पर दुख जताया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी सरकार पीड़िता की हर संभव मदद करे। पुलिस का ये रवैया क्षमा योग्य कतई नहीं है। अखिलेश यादव आज बुधवार को पीड़िता से मिलने उसके गांव पाली जाएंगे।



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