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कानपुर विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए पास कराने के बाद में स्वयं कंपनी ने कहा अब हम नहीं कर पाएंगे कार्य क्या विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं दिखी कमियां विश्वविद्यालय के करोड़ों रुपए करवा दिए बारे नियारे। क्या बोले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक


विश्वविद्यालय के घोटालों का खबरीलाल

कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर ने सुपर मास्टर क्लीन एजेंसी को साफ-सफाई और हॉर्टिकल्चर का जिम्मा थमाया था। लेकिन विश्वविद्यालय की साफ सफाई और हॉर्टिकल्चर का हाल बदहाल है, विश्वविद्यालय के कूड़े व साफ सफाई तो हो नहीं हुई लेकिन विश्वविद्यालय ने अपने पैसे की सफाई जरूर करा दी।
विश्वविद्यालय में इस कंपनी को टेंडर देते हुए दावा किया था की विश्वविद्यालय की साफ-सफाई और पेड़ पौधों की देखरेख अच्छे से की जाएगा। लेकिन साल में करोड़ों रुपए देने के बाद भी विश्वविद्यालय के हालात बा से बदतर होते जा रहे हैं। यहां तक की लगभग डेढ़ करोड़ रुपए में बनी विश्वविद्यालय की खूबसूरत पार्किंग को भी कूड़े से दबाकर बदसूरत बना दिया। विश्वविद्यालय में इस टेंडर से घोटाले की बू जमकर आ रही है। इतना ही नही घोटाला करने के बाद कंपनी ने स्वम् विश्वविद्यालय को छोड़ने का निर्णय भी ले लिया।

कचड़े से बदहाल विश्वविद्यालय


क्या कह रहे हैं सूत्र

सूत्र कह रहे हैं, कि विश्वविद्यालय घोटालों में कहीं बाज नहीं आ रहा है। जब यह कंपनी एक महीना पहले स्वयं यह कह चुकी है, हम कार्य करने में असमर्थ हैं। तो फिर पहले से जिम्मेदारों को नहीं नजर आ रहा था कि किस तरह से घोटाले की नीम बढ़ती जा रही है, कंपनी को लाखों रुपये क्यो दिए जाएं। इससे यह साफ होता है कि सुपर मास्टर क्लीन कंपनी सिस्टम के तहत लाखों करोड़ों रुपए पास करा रही थी लेकिन उसका विरोध कोई नही कर पाया।

करोड़ों की पार्किंग में कूड़ा

क्या बोले विश्वविद्यालय के कुलपति
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने बताया कि कूड़े का मामला गंभीर है। नगर निगम को कूड़े को उठाना चाहिए विश्वविद्यालय इसका टैक्स भी देता है। लेकिन नगर निगम की लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय में कूड़ा जमा हुआ है। साथ ही कुलपति ने यह भी कहा जिलाधिकारी से बात की जा रही है, इसका निस्तारण कराया जाएगा।

द हिंदी न्यूज़ यह पुस्टि तो नहीं कर सकता है, कि इस कंपनी द्वारा कितने का घोटाला हुआ। लेकिन यह दावा तो कर सकता है हॉर्टिकल्चर और साफ-सफाई मैं विश्वविद्यालय ने सिस्टम के चलते करोड़ों रुपए जरूर पास कर दिए, जो पता नहीं किस-किस की जेब में गए होंगे।


दा हिंदी न्यूज़ एक और बड़े घोटाले के साथ जल्द करेगा खुलासा

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