राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सीएसए द्वारा किसानों को वितरित किए गए खरीफ दलहन के उन्नतशील बीज
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह के निर्देश के क्रम में आज ग्राम फरीदपुर निटर्रा गांव में उर्द-मूंग उत्पादन तकनीक विषय पर कृषकों के सशक्तिकरण हेतु एक दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। तथा कृषकों को उर्द- मूंग के उन्नतशील बीज प्रदर्शन हेतु वितरित किए गए। कार्यक्रम आयोजक डॉ मनोज कटियार ने विस्तार से कृषक प्रशिक्षण एवं उर्द मूंग बीज वितरण की रूपरेखा विस्तार से प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ हरीश चंद्र सिंह ने दलहन उत्पादन तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उर्द मूंग के साथ में ज्वार-बाजरा की सह फसली खेती करने से किसानों को अधिक लाभ होगा। उन्होंने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि किसान भाई हमेशा संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि दलहनी फसलों में सल्फर का प्रयोग अवश्य करें जिससे बीज अधिक चमकीला और स्वस्थ होता है। परिणामस्वरूप उत्पादन अच्छा होगा। कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने किसान भाइयों को संबोधित करते हुए बताया कि दलहनी फसलों में राइजोबियम कल्चर का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि राइजोबियम कल्चर के 200 ग्राम पैकेट को 10 किलो बीज से उपचारित करने के बाद ही बुनाई करें। डॉ भानु प्रताप सिंह दलहनी फसलों में खरपतवार नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने किसानों को मृदा परीक्षण से लाभ एवं संतुलित उर्वरक प्रबंधन विषय पर विस्तार से बताया तथा किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिए। इस अवसर पर उर्द एवं मूंग फसलों के 50 से अधिक किसानो को उन्नत बीज प्रदर्शन हेतु वितरित किए गए। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर खलील खान ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान अश्विनी कुमार ने की। इस अवसर पर प्रदर्शन किसान बाबूलाल निषाद, जन्मेजय सिंह, राम कुमार,रमेश सिंह सहित एक सैकड़ा से अधिक किसान उपस्थित रहे।
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