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शिक्षा विभाग में मची भ्रस्टाचार की लूट:- बड़ी कार्यवाही शिक्षा विभाग के सचिव व निदेशक हटाए गए इस मामले में पाए गए दोषी।


विपिन सागर (संपादक)

प्रदेश में भ्रस्टाचार चर्म सीमा को पार चुका है। शिक्षा विभाग में भी जमकर  रुपये की बर्बादगी हो रही है। जिसका मौका लगता है वही भ्रस्टाचार करने में बाज नही आ रहा है।

यूपी के प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने प्राविधिक शिक्षा बोर्ड के सचिव व निदेशक को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने पर उनको हटा दिया गया है।
प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार व प्राविधिक शिक्षा परिषद के सचिव सुनील कुमार सोनकर को उनके पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के निर्देश पर की गई है। मंत्री पटेल ने बताया कि दोनों पर फॉर्मेसी कॉलेजों को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने में अनियमितता बरतने का आरोप है। शुरुआती जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है। इसकी जांच आगे भी होगी।

प्राविधिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान सत्र में फॉर्मेसी कॉलेजों को उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार तय मानकों के आधार पर दाखिले की अनुमति दी जानी थी। समय कम होने से कॉलेजों से शपथ पत्र लेकर सशर्त एनओसी देने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद इन अधिकारियों ने कुछ कॉलेजों को बिना शपथ पत्र लिए एनओसी दे दी। ये गड़बड़ी क्यों हुई और किन कॉलेजों की एनओसी गलत ढंग से दी गई।  इसमें दोनों अधिकारियों की क्या मंशा थी। यह जांच का विषय है।
इस पर उन्होंने प्रक्रिया पूरी होने के बाद जानकारी देने की बात कही। प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि मनोज कुमार को निदेशक, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान कानपुर स्थानांतरित किया गया है और सुनील सोनकर को प्राविधिक शिक्षा निदेशालय कानपुर से संबद्ध किया गया है। फिलहाल दोनों पदों पर अभी नई तैनाती नहीं की गई है।

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